Monday, February 7, 2011

निम्बू पाणी मैं जीरा

ताऊ बदलू के 6 छोरे थे | वे 6 के 6 जमां काले थे | एक बार वे सारे गम के जोहड़ में नहाण लाग रहये थे | ताऊ बदलू उन्ती देख देख के राजी होरया था | ताऊ उन्ती देखदा देखदा अपणे धोरे खड़े भुंडू ती बोल्या - "देख मेरे छोरे !", भुंडू बोल्या - "हाँ ताऊ देखे, जाण नीम्बू पाणी में जीरे के बुँदे हुए होए दाणे तैरण लाग रै सै |"

Saturday, February 5, 2011

लाश का कै करूँ

भतेरी के ब्याह तै दो दिन पाछे भतेरी कि अपणे घरआले सत्तू गेल लड़ाई होग्यी | भतेरी ने अपणे मायके अपणी माँ फोन करया अर बोल्यी , "माँ मेरी मेरे घरआले गेल लड़ाई होग्यी अर थोड़ी सी लड़ाई तै बात बढती - बढती घणी बढ्गी |" भतेरी कि माँ बोल्यी, "या कोई  "

पजामा पड़ग्या

रामलू अपणी घरआली धापली से घणा डरया करे था | एक दिन रामलू सीढ़ी पै चढ़के अपणे घरां बल्ब लगावे था तो एक दम सीढ़ी पड्ग्यी अर रमलू भी परे जाकै पड्या | धापली कै नुकसान का ब्होत डर रह्या करै था | जद उसती घडाम कि आवाज आयी तो वा रामलू ती बोल्यी - "के गेड दिया?" रामलू डरदा-डरदा बोल्या - "किमे नी भागवान, मेरा पजामा पड़ग्या था |" धापली बोल्यी - "पजामा पड्या करे सै तो इतनी आवाज आया करै सै कै" | रामलू बोल्या - "भागवान पजामे मैं भी था |"

मैं उसका बाप कोनी

एक बै रलदू एक पार्टी में चला गया | रलदू अपणे धोरे एक आदमी ने बोल्या - के जमां अग्या सै, सामने जो छोरा बैठ्या सै, उसके लते देख, जम्मा छोरी बर्गा लागये सै | वा छो मैं आ के बोल्या - भाई साहब, आप न्यू क्यूकर बोलण लाग रे सो, वा तो मेरी छोरी सै | रलदू बोल्या भाई मैंने माफ़ करयो, मन्ने नी बैरा था कि अक तै उसका बाप सै| इतनी बात सुनके वा और भी गुस्सा होया अर बोल्या - तन्ने तो वास्तव में तमीज कोनी, मैं उसका बाप कोनी माँ सूं |

Wednesday, February 2, 2011

दांत खो बेठ्या

 भतेरी घणा दिना पाच्छे अपणी सहेली तै मिली अर बोली - "हाँ, सहेली शादी के बाद साब ठीक ठाक चल रह्या सै | अर जो थम बताया करदी थी के थारा घरआला थामनै दांतों से काट खाया करदा, इब तक थारा घरआला वो आदत खो बेठ्या कि ना |" भतेरी कि सहेली बोली - "आदत तो कोणी खोई , पर हाँ अपणे दांत जरूर खो बैठे सै |"

दिमाग दान करणा चाहूँ सूं

फत्तू शहर मैं अस्पताल गया अर डागदर धोरे जागे बोल्या - "डागदर साब मैं मरयां पाच्छै मेरा दिमाग दान करणा चाहूँ सूं |" तो डागदर कोणसा कम था, पड़दाए बोल्या - "ठीक सै, अरजे ओगा तो हम जरूर ले ल्यांगे |"

सारी ओक्सीजन तो बाबा रामदेव

सत्तू सबेरे उठ कै अपणा बाप्पू ते बोल्या - "बाप्पू जी, जब मैं सबेरे नौ बजे सौ कै उठूँ तो मन्ने साँस लेण मैं घणीए तकलीफ ओवे सै, मैंने डाकदर कै दिखा ल्या" | तो सत्तू का बाप्पू बोल्या - "बेटा तों सबेरे तवलाए उठ जाया कर, क्योंकि सारी ओक्सीजन तो बाबा रामदेव अर उसके चेले खीँच लेवै सें| "
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Tuesday, February 1, 2011

आदमी गलती करके

एक दिन सत्तू आपणें यार रलदू ती पुच्छण लग्या, "रलदू जो आदमी गलती करके अपणी गलती की माफी मांग ले उसती के कहणा चाहिए ? " रलदू बोल्या भाई, "उस आदमी ती तो समझदार कहणा चाहिए |" सत्तू ने रलदू पै दुबारा पुच्छया, "यार रलदू न्यू बता जिस आदमी नैं कोई गलती भी नीं करी हो पर वो फेर भी माफी मांगता फिरदा हो उस आदमी ती के कह्वागें ?" रलदू बोल्या, "भाई इस्या आदमी तो घरआली का गुलाम ही हो सकै सै |

शर्म नीं आई

भुंडू अपणी घरआली धापली ती ल्याण खातर सुसराड चल्या गया | जद वो धापली ती लेके अपणी सुसराड तै चाल्लण लग्या तो उसकी सासु नैं जुहारी म्ह उस ताई दस रपिये दे दिए | घरां आयां पाच्छे भुंडू धापली गेल झगड़ा कारन लाग्या अर कई देर तेन झगड़ता रह्या | आखिर में धापली तंग होकै भुंडू ती पुच्छण लाग्यी, 'जी थाम मेरै गेल क्यान्तें झगड़ण लाग रह्ये सो?' भुंडू छोह मैं आगे बोल्या, "तेरी मां मैं शर्म कोणी आयी |" धापली ने पुच्छ्या, ""किस बात की शर्म?" भुंडू बोल्या, "मैं थाहरे घरां केले तो सो रापियाँ के लेके गया पर तेरी मां ने  जुहारी म्ह रपिये दे दिए |" धापली तपाक ती बोल्यी, "जी मन्ने न्यूं बताओ अक थाह्म ओड़े मन्ने लेण गए थे अक केले बेच्चण गए थे |"

घणीए रात होग्यी

एक बार रलदू आपणे छोरे की सुसराड चल्या गया | रात नैं जद वो रोटी खा कै बैठक म्ह जाण लग्या तो उसकी समधण नैं कोई बात छेड़ दी | रलदू बात करदा करदा किवांडा धोरै सांकल पकडके खड्या होग्या | जद उननैं बात करद्या नैं कई बार हो गी तो भरपाई ने सोच्या अक इब तो समधी जमां थक लिया होगा | या बात सोच के भरपाई अपणे समधी ती बोल्यी, 'समधीजी, जाओ सो ज्यायो | इब तो घणीए रात होग्यी|' रलदू भरपाई ती बोल्या, 'समधण, मैं तेरी बतला खातर कोणी खड्या | मेरी तो सांकल में आंगली फँस रह्यी सै |'

कम जोर दिल धापली

धापली जमां कमजोर दिल की थी | एक वा घर तै साइकिल पै सवार हो के चल पड्यी | घर तै लिकडके थोड़ी सी देल पाच्छे धापली  का घर पे फ़ोन गया | घरक्या ने बेरा लग्या के धापली का एक्सिडेंट अर वा अस्पताल में दाखिल सै | एक्सिडेंट में एक की मोत होग्यी | धापली का बाब्बू भाज्या भाज्या अस्पताल में पहुंच्या | उसती धापली ठीक ठाक दिखी तो उसनें उसपे पुच्छ्या, 'बेटी तेरा एक्सिडेंट क्यां गेल होग्या अर कोण मरग्या?' कमजोर दिल धापली हांफती -हांफती बोल्यी, 'बाब्बू, मेरी साइकिल की टक्कर एक मकोड़े गेल हो होग्यी अर मकोड़ा टक्कर लागदे ए मरग्या | मैं तो पुलिस तै डरदी बेठ्यी सूं' |

घर के आग्ये

नत्थू के परिवार की घग्गु के परिवार गेल लड़ाई हो रह्यी थी ज्यांते उनकी बोलचाल जमा ख़तम हो रही थी | एक बार घुग्गू का दादा मरग्या | जब घुग्गू के दादा ती श्मशान में ले जावे थे तो रास्ते में नत्थू का घर पड़े था | नत्थू लट्ठ लेके घर तै बहार आग्या अर घुग्गू ती बोल्या "थाहरे ती न्यू कह्या थे की थाह्म म्हारे घर के आग्ये को न आ ज्य़ाइयो | आज थारी हिम्मत किस तरियां होगी ?" घुग्गू बोल्या "हिम्मत दिखाने की जिद्द म्ह ए तो हाम्म आज अपणे दादा की नाड़ मोस कै ल्याए सां | म्हारे इस तरियां चाहे कितने आदमी लाग ज्य़ाइयो पर हाम्म थाहमने अपणी हिम्मत दिखाकै ए मान्नंगे" |